Hindi Stories with Moral: हिंदी कहानियां हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये कहानियां न केवल मनोरंजक होती हैं बल्कि हमे जीवन में एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं। इनमें से कई कहानियाँ हमारी सभ्यता और संस्कृति के मूल्यों को भी दर्शाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख हिंदी कहानियों का संग्रह प्रस्तुत किया जा रहा है, जो नैतिक शिक्षा प्रदान करती हैं।
बंदर और मगरमच्छ (Hindi Stories with Moral)
एक बार की बात है एक नदी के किनारे एक बंदर रहा करता था। उस नदी में एक मगरमच्छ भी रहता था धीरे धीरे बंदर और मगरमच्छ में दोस्ती हो गई। मगरमच्छ बंदर से फल मांगता बंदर उसे फल दे दिया करता था। ऐसे करते करते बंदर और मगरमच्छ में दोस्ती बहुत गहरी हो गई।
एक दिन मगरमच्छ की पत्नी ने मगरमच्छ से कहा, “मैं उस बंदर का दिल खाना चाहती हूँ।” मगरमच्छ ने सोचा कि मैं अपनी पत्नी की बात मानकर बंदर को धोखा दे दूंगा। उसने बंदर से कहा, “तुम्हें मेरी पत्नी से मिलना चाहिए।”
बंदर खुशी-खुशी मगरमच्छ की पीठ पर बैठा और नदी पार करने लगा। मगरमच्छ ने बीच नदी में आकर कहा, “मेरी पत्नी तुम्हारा दिल खाना चाहती है। “बंदर चतुराई से बोला, “मेरा दिल तो उसी पेड़ पर रह गया है।
मुझे वापस उसी पेड़ पर ले चलो ताकि मैं अपना दिल ला सकूं। “मगरमच्छ बंदर को वापस पेड़ पर ले आया। बंदर तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और बोला, “तुमने मुझे धोखा देने की कोशिश की, अब मैं तुम्हें कभी फल नहीं दूंगा।”
इस कहानी से सीख
इस कहानी से हमे यह सीखने को मिलता है कि हमे कभी भी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए।
अकबर-बीरबल की कहानियाँ (Hindi Stories with Moral)
एक बार की बात है सर्दियों की रात में बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा कोई भी व्यक्ति इस ठंड में बाहर खड़े होकर रात नही बिता सकता। बीरबल ने कहा मैं कोई ऐसा आदमी खोज सकता हु जो इसे पूरा कर सके। अकबर ने चुनौती स्वीकार किया और बीरबल ने एक गरीब आदमी को यह चुनौती स्वीकार करने के लिए कहा।
गरीब आदमी ने रात भर ठंड में खड़े रहकर यह चुनौती पूरी की। अगले दिन, अकबर ने उससे पूछा, “तुमने यह कैसे किया?” उसने कहा, “मैंने दूर एक जलती हुई दीपक को देखकर रात बिताई।” अकबर ने कहा इसका मतलब है तुमने दीपक की गर्मी में रात बिताई इसलिए तुम्हें पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
बीरबल ने कहा ठीक है मैं अब आपको एक नई तरह से खिचड़ी पकाकर खिलाऊंगा अगले दिन बीरबल ने एक बड़े बर्तन में खिचड़ी बनाई और उसे बहुत ऊंचे स्थान पर लटका दिया। अकबर ने कहा यह खिचड़ी कैसे पकेगी?
बीरबल ने कहा जैसे उस आदमी ने दीपक की गर्मी में रात बिताई थी ठीक उसी प्रकार यह खिचड़ी भी पकेगी। अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने उस गरीब आदमी को पुरस्कार भी दिया।
इस कहानी से सीख
किसी भी सही कार्य को न्याय पूर्ण तरीके से मूल्यांकन करना चाहिए।
तेनाली राम और तीन मूर्ख (Hindi Stories with Moral)
एक बार की बात है विजयनगर के राजा तेनाली राम से कहा मुझे तीन सबसे बड़े मूर्ख खोज कर लाओ तेनाली राम ने पूरे शहर में दौरा कर तीन मूर्खों को लाया।
पहले मूर्ख को उसने देखा कि वह एक बैल के सींग पर पानी डाल रहा था तेनाली राम ने उस मूर्ख से पूछा तुम यह क्या कर रहे हो? उसने जवाब दिया कि मैं अपने बैल को नहलाने की कोशिश कर रहा हूं।
दूसरे मूर्ख को उसने देखा कि वह अपने सिर पर भारी बोझ लिए हुए था जबकि उसकी गाड़ी खड़ी थी तेनाली राम ने उससे पूछा तुम यह क्यों कर रहे हो? तो उसने जवाब दिया मुझे लगता है की गाड़ी पर बोझ रखने से गाड़ी टूट जाएगी।
तीसरे मूर्ख को उसने देखा कि वह नदी के किनारे बैठकर मछलियां पकड़ने की कोशिश कर रहा है। तेनाली राम ने उससे पूछा तुम यह क्यों कर रहे हो? तो उसने जवाब दिया मुझे लगता है कि मछलियां पानी से खुद बाहर आ जाएंगी।
तेनालीराम तीनो मूर्खों को लेकर राजा के पास पहुंचे राजा ने तेनाली राम की बुद्धि की प्रशंसा की और उन्हें पुरस्कार भी दिया।
इस कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यही सीखने को मिलता है कि हर काम सोच समझकर और बुद्धिमानी से करना चाहिए।
गुरु का आशीर्वाद (Hindi Stories with Moral)
एक बार की बात है एक शिष्य अपने गुरु से बहुत ज्यादा प्रेम करता था और हमेशा गुरु के चरणों में बैठकर शिक्षा ग्रहण करता था। एक दिन शिष्य ने गुरु से पूछा गुरु जी सच्चा ज्ञान प्राप्त करने का क्या उपाय है?
गुरु जी ने शिष्य को पास बुलाकर कहा तुम नदी के किनारे जाकर ध्यान करो जब तक तुम्हें सच्चा ज्ञान प्राप्त न हो जाए तब तक वहां से मत हटना।शिष्य ने गुरु के आदेश का पालन करते हुए नदी के किनारे जाकर ध्यान में बैठ गया।
कई दिनों के बाद गुरु जी ने शिष्य को देखा और पाया वह बहुत निराश है। गुरु जी ने शिष्य से पूंछा क्या हुआ तुम ध्यान में विघ्न अनुभव कर रहे हो? शिष्य ने कहा गुरुजी मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।
गुरु जी ने शिष्य को नदी में उतारने के लिए कहा और खुद भी उस नदी में उतर गए। उन्होंने शिष्य का सिर पकड़ा और पानी में डूबो दिया। शिष्य झटपटाने लगा और सांस लेने की पूरी कोशिश करने लगा।
थोड़ी देर के बाद गुरु जी ने शिष्य को पानी से बाहर निकाला और पूंछा जब तुम पानी के अंदर थे तो सबसे ज्यादा तुम्हें क्या चाहिए था? शिष्य ने जवाब दिया सांस।
गुरु जी ने कहा जैसे तुम्हें पानी के अंदर सांस की जरूरत थी इस तरह ज्ञान प्राप्ति के लिए इतनी तीव्र इच्छा की जरूरत होती है। जब तुम ज्ञान प्राप्ति के लिए इसी प्रकार व्याकुल हो जाओगे तब तुम्हें सच्चा ज्ञान प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता।
इस कहानी से सीख
इस कहानी से हमे यह सीखने को मिलता है कि सच्चा ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए।
दोस्तो हमे उम्मीद है कि Hindi Stories with Moral का आप पर Positive असर पड़ा होगा। ऐसी ही और भी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें। इस कहानी को अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें।
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Hindi Stories with Moral FAQ
Q. नैतिक संदेश वाली छोटी कहानी क्या है?
A. ये कहानियया हमें सिखाती हैं कि जीवन में नैतिकता, ईमानदारी, संयम, परोपकार और जीवन का महत्व क्या है।
Q. हिंदी नैतिक कहानियाँ बच्चों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
A. क्योंकि ये कहानियां बच्चों को सही और गलत के बीच का अंतर समझाती हैं।
Q. गुरु-शिष्य की कहानियां क्यों महत्वपूर्ण हैं?
A. गुरु और शिष्य की कहानियां हमे शिक्षा और ज्ञान के महत्व को दर्शाती हैं। ये कहानियां हमें सिखाती हैं कि गुरु का सम्मान और उनकी शिक्षाओं का पालन कैसे करना चाहिए।