Motivational Story in hindi for Students के बारे में
यह Motivational Story in hindi for Students एक ऐसे लड़के की है जो एक साधारण परिवार से था, जिसने अपनी मेहनत और संकल्प से एक अद्वितीय सफलता प्राप्त की। उसका सपना था कि वह एक बहुत बड़ा इंजीनियर बने और अपने देश का विकास करे। लेकिन उसके सपनों के रास्ते में बहुत सारी कठिनाइया थीं तो कैसे उसने उन कठिनाइयों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ा। आइए जानते हैं उसकी प्रेरणादायक यात्रा के बारे में
शुरुआत
एक गांव में एक अर्पित नाम का लड़का रहता था। जो पढ़ना चाहता था लेकिन उसके गांव में कोई भी अच्छा स्कूल नहीं था। उसके पिता एक मामूली किसान थे, जो अपने खेतों में काम करके अपने घर का खर्च चलाते थे।
अर्पित बचपन से ही पढ़ाई में ठीक था उसे गणित और विज्ञान विषय में विशेष रुचि थी। गाँव के प्राथमिक स्कूल में ही उसकी शिक्षा शुरू हुई। जहाँ उसने अपने शिक्षक और सहपाठियों को अपनी प्रतिभा से प्रभावित किया।
बचपन के संघर्ष
अर्पित के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय (कमजोर) थी। उसके माता-पिता उसकी पढ़ाई को लेकर ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर सकते थे। अर्पित को यह बात बचपन से ही पता थी, इसलिए वह छोटी उम्र से ही अपने पिता के साथ खेतों के काम में हांथ बटाने लगा था।
सुबह उठकर सबसे पहले खेतों का काम करता और फिर उसके बाद स्कूल जाता, यह उसकी रोज की दिनचर्या बन गई थी। इसके बावजूद उसने कभी भी अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी और हमेशा अच्छे अंकों से पास होता रहा।
माध्यमिक शिक्षा की चुनौती
कक्षा नवीं की पढ़ाई के लिए उसके गांव में स्कूल नहीं थे इसलिए उसे अपने पास के कस्बे में Admission लेना पड़ा। कस्बे के स्कूल में Admission (दाखिला) लेने के लिए भी पैसे की जरूरत थी। अर्पित के माता-पिता ने अपनी सारी जमा पूंजी निकालकर उसका दाखिला करवाया। कस्बे का स्कूल उसके गाँव से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर था और उसे रोज़ाना पैदल चलकर जाना पड़ता था।
रोज़ाना दस किलोमीटर पैदल आना जाना इतना आसान नहीं था अर्पित के लिए। कई बार मौसम खराब हो जाता था, लेकिन फिर भी अर्पित स्कूल जाने से कभी न नहीं करता था। उसने कभी हार नहीं मानी। उसके पास पहनने के लिए जूते भी नहीं थे, फिर भी वह नंगे पाँव ही स्कूल चला जाता था। उसकी मेहनत रंग लाई वह कक्षा में प्रथम स्थान से पास हुआ।
उच्च शिक्षा की ओर
वह कक्षा दस की भी पढ़ाई अपनी उसी लगन के साथ करते रहा और देखते ही देखते वह कक्षा 10 भी अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण किया, कक्षा दस उत्तीर्ण करने के बाद अर्पित ने शहर में पढ़ाई करने का निर्णय लिया। अर्पित ने यह बात अपने माता-पिता से कहा, कि वह आगे की पढ़ाई यहां नहीं बल्कि शहर में रहकर करना चाहता है।
माता-पिता पहले तो चिंतित हुए, लेकिन अर्पित के मेहनत और लगन को देखकर उन्होंने उसे शहर भेजने का निर्णय लिया। शहर में जाकर अर्पित ने एक सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया और साथ ही एक छोटी सी नौकरी भी शुरू की, ताकि वह अपने पढ़ाई का खर्च खुद उठा सके।
शहर की कठिनाईयां
शहर का जीवन अर्पित के लिए एकदम से नया और चुनौतियों से भरा हुआ था। उसे दिन में कालेज जाना पड़ता था और फिर शाम को वापस आकर काम करना पड़ता था और रात में पढ़ाई करनी पड़ती थी। कभी-कभी ऐसा होता था कि उसे रात में भूखे पेट ही सोना पड़ता था लेकिन उसने कभी भी अपने सपनों को पीछे नहीं छोड़ा। उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उसने बारहवीं कक्षा में अच्छे अंकों से परीक्षा पास की।
कॉलेज का सफर
कक्षा 12वीं हो जाने के बाद अर्पित ने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला कराने के लिए सोचा। वहां भी उसने अपनी लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई जारी रखी। अर्पित को गणित और विज्ञान जैसे विषयों पर विशेष रुचि थी और उसने स्कूल के कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई पुरस्कार भी जीते। कॉलेज में उसकी पहचान एक अलग ही बन गई थी।
संघर्ष और सफलता
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान अर्पित को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उसे पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करनी थी ताकि वह अपना जेब खर्च चला सके। लेकिन अर्पित के अंदर कुछ करने का जुनून था। इसलिए वह कभी हार नहीं मानता था वह हमेशा मेहनत करता रहता था उसकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उसे कॉलेज में हमेशा आगे ही रखा।
सपनो की ओर कदम
इंजीनियरिंग करने के बाद अर्पित ने कई कंपनियों में जॉब के लिए आवेदन किया और उसे एक कंपनी में जॉब मिल गई। अब अर्पित का सपना पूरा होने वाला था। उसने अपने काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और जल्दी ही उसे प्रमोशन मिला।
सफलता की ऊंचाई
अर्पित ने अपनी मेहनत से उस कंपनी में एक अलग ही नाम से जाना जाने लगा। उसने कई परियोजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपनी कंपनी का नाम रोशन किया। उसके काम की सराहना न केवल कंपनी में बल्कि पूरे उद्योग में हुई।
अर्पित ने अपनी सफलता के साथ ही अपने गाँव को भी नहीं भुलाया। उसने अपने गाँव में एक स्कूल की स्थापना की, ताकि वहाँ के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और उन्हें भी अपने सपनों को साकार करने का मौका मिले।
Motivational Story in hindi for Students का निष्कर्ष
अर्पित की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प और मेहनत का बल हो, तो कोई भी कठिनाई हमें अपने सपनों तक पहुँचने से नहीं रोक सकती। अर्पित ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों को साकार किया। उसकी कहानी आज के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा है कि मेहनत और लगन से हर सपना पूरा किया जा सकता है।
इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है
अर्पित की जीवन यात्रा हमें कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती है:
1.दृढ़ संकल्प
कितनी भी बड़ी से बड़ी मुसकिल क्यो न हो अगर हमारे अंदर मेहनत करने की क्षमता है तो वो हमारा कुछ नहीं कर सकती।
2. मेहनत.
अगर आपको सफलता पानी है तो मेहनत करनी ही पड़ेगी बिना मेहनत के सफलता पाना मुसकिल ही नहीं नामुमकिन है।
3.सकारात्मक सोच.
कितनी भी मुसकिल घड़ी क्यो न हो हमे हमेशा Possitive सोच ही रखना चहिये।
4. सपनों की दिशा.
हमारे सपने हमारे जीवन का एक ऐसा अंश होता है जिसे पूरा करना अपने आप में एक चैलेंज होता है।
5.विनम्रता और उदारता.
सफल होने के बाद अपने Past को नहीं भूलना चाहिए और अपने समाज में भी कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे समाज भी आगे बढ़ सके।
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Motivational Story in hindi for Students FAQ
Q. सच्ची सफलता क्या है?
A. सच्ची सफलता प्राप्त करने के लिए हमे कड़ी से कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है।
Q. सफलता का राज क्या है?
A. सफलता की खास बात यह है कि वह मेहनत करने वालो पर ही फिदा होती है।
Q. मनुष्य की सोच क्या है?
A. एक इंसान की सोच उसके व्यवहार पर निर्भर करती है उसका व्यवहार उसके आदत पर उसकी आदत उसके कर्म पर निर्भर करती है। अर्थात खुद को ऐसा बनाए जहां आपकी सोच खुद का और किसी और का भी बुरा न होने दे।
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