small motivational stories in hindi मोटिवेशनल कहानी छोटी सी

खुद में बदलाव लाना small motivational stories in hindi

एक दिन घर में बूढ़े दादा जी को उदास बैठे देखकर बच्चो ने पूंछा, क्या हुआ दादा जी आज आप इतना उदास क्यों हो क्या सोच रहे हो? दादा जी बोले कुछ नहीं बस यूं ही अपने जिंदगी के बारे में सोच रहा था।

बच्चो ने दादा जी से जिद करते हुए कहा कि हमे भी अपनी जिंदगी के बारे में कुछ बताइए। दादा जी कुछ समय तक सोचे और फिर बाद में बोले बच्चो जब मैं तुम्हारी उम्र का था तब मेरे ऊपर कोई भी जिम्मेदारी नहीं थी।

मेरे सपनो की कोई सीमा नहीं थी मैं दुनिया को बदलने के बारे में सोचा करता था जब मैं थोड़ा और समझदार हुआ तो मैं सोचने लगा कि यह दुनिया बदलना इतना आसान काम नहीं है जितना मैं सोचता हूं। इसलिए मैं अपना लक्ष्य और छोटा करते हुए अपना देश बदलने की सोचने लगा।

धीरे धीरे समय बीतता गया मैं अधेड़ होने को आया। तो एहसास हुआ की देश बदलना भी इतना आसान नहीं है। चलो बस मैं अपने परिवार और करीबी लोगो को बदलता हूं, पर अफसोस मैं वो भी नहीं कर पाया, और अब मैं इस दुनिया का कुछ दिन का मेहमान और हूं।

तो मुझे एहसास होता है कि अगर मैं खुद को बदलने के बारे में सोचा होता तो शायद मुझे देखकर मेरा परिवार भी बदल जाता और क्या पता उनसे प्रेरणा लेकर ये देश भी कुछ बदल जाता और तब शायद मैं इस दुनिया को बदल पाता।

ये बाते कहते कहते दादा जी कि आंखों में आंसू आ गए और दादा जी धीमे स्वर में बोले, बच्चो! तुम मेरी जैसी गलती मत करना कोई और को बदलने से पहले अपने आप को बदलना बाकी सब तो अपने आप बदल जाएगा।

इस कहानी से सीख:-

इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिली कि हम सब मे दुनिया बदलने की क्षमता है पर इसकी शुरुआत हमें अपने आप से करनी होगी कुछ और बदलने से पहले हमे खुद को बदलना होगा हमे खुद से लड़ना होगा अपने Skill को मजबूत करना होगा अपने लक्ष्य को फौलाद करना होगा और तभी हम वो हर एक बदलाव ला पायेंगे जो हम चाहते हैं।

अपना काम स्वयं करें small motivational stories in hindi

Self motivation story in Hindi

कुछ समय पहले एक लोमड़ी एक जंगल मे रहा करती थी उसके आगे के दोनों पैर नहीं थे। एक व्यक्ति उसी लोमड़ी के पास रहा करता था। उसे यह देखकर बड़ा आश्चर्य feel होता था कि कैसे यह लोमड़ी अपने खाने का प्रबंध करती है। एक दिन उसने देखा कि लोमड़ी जहाँ रहती है वहाँ पर शेर अपना शिकार कर रहा था और शिकार का कुछ हिस्सा छोड़ कर चला जाता है।

शेर द्वारा छोड़े गए शिकार को लोमड़ी ने बड़े ही स्वाद से खा लिया। अगले दिन फिर शेर अपना शिकार लेकर उसी स्थान पर पहुँच जाता है इसी प्रकार लोमड़ी को बिना कुछ किए ही प्रतिदिन भोजन प्राप्त होने लगता है।

पड़ोसी ने इस पर विचार किया कि कोई शक्ति है जो लोमड़ी को बिना कोई मेहनत किए जब भोजन दे सकती है तो मुझे क्यों नहीं। इसी प्रकार से मैं भी केवल आराम करूँगा और मुझे भी रोज खाना खाने को मिल जाया करेगा।

उस व्यक्ति को इस पर बहुत ज्यादा विश्वास था इसी प्रकार समय बीतता गया लेकिन उस व्यक्ति को भोजन कि प्राप्ति नहीं हुई। धीरे धीरे करके वह व्यक्ति कमजोर होता गया और उसका मात्र ढाँचा शेष रह गया। जब वह बेहोश होने वाला था तो उसे उसके अंदर से एक आवाज सुनाई दी।

“ए मनुष्य तुझे उस शेर का उदारहण अपने जीवन मे उतरना चाहिए था ना कि उस विकलांग लोमड़ी का तुम्हारे हाथ पैर होने के वावजूद भी विकलांग बनना चाहते हो”

प्रेरणादायक कहानी सम्मान small motivational stories in hindi

Student motivational Story in hindi

बहुत समय पहले किसी नगर मे एक राजा राज करता था। राजा बड़ा ही सरल स्वभाव का व्यक्ति था। राजा को विद्या ग्रहण करने का बहुत शौक था। इसलिए राजा पढ़ना चाहता था। राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और कहा मंत्री जाओ अपने राज्य मे जो भी विद्वान गुरु हो उसे राज महल मे लेके आओ। मुझे विद्या ग्रहण करनी है।

मंत्री ने कहा ठीक है महाराज हम कल सुबह गुरु की खोज मे अपने पूरे राज्य मे भ्रमण करेंगे और जो भी विद्वान गुरु मिलेगा उसे हम राज भवन मे ले आएँगे। अगली सुबह मंत्री ने गुरु कि खोज मे निकाल पड़ा। मंत्री ने पूरा राज्य मे ढूँढा लेकिन उसे कहीं पर कोई गुरु नहीं दिखा। कुछ देर मे ही शाम होने वाली थी।

इसलिए मंत्री ने सोचा कि चलो अब लौट चलते है। मंत्री महल कि ओर चल दिया लौटते वक्त उसे एक जंगल मे एक गुरु दिखाई पड़े जो एक पेड़ के नीचे ध्यान लगाए हुए बैठे थे। मंत्री जी घोड़े से नीचे उतरकर गुरु जी के पास गए। मंत्री ने गुरु जी को प्रणाम किया, और कहने लगा गुरुवर आपसे एक विनती है, कि राजा विद्या ग्रहण करना चाहते है।

कृपा करके आप राजभवन चले और हमारे राजा को विद्या की दान दें। गुरु मंत्री कि बातों को सुनकर प्रसन्न हो गए गुरु ने कहा चलो मंत्री राजभवन चलते हैं। मंत्री और गुरु राजभवन पहुँच गए राजा ने बड़े ही आदर पूर्वक गुरु का स्वागत किया। गुरु ने अगले ही दिन से राजा को विद्या सीखना शुरू कर दिया।

विद्या ग्रहण करते हुये राजा को बहुत समय हो गया परंतु राजा को विद्या समझ मे नहीं आ रही थी। गुरु भी राजा को पढ़ाने के पीछे बहुत मेहनत कर रहे थे फिर भी राजा को समझ में नहीं आ रहा था, एक दिन राजा ने सोचा की गुरु द्वारा दी हुई शिक्षा को मै क्यों नहीं समझ पा रहा हूँ।

यही जानने के लिए राजा ने यह प्रश्न अपनी रानी से किया रानी ने जवाब दिया कि मुझे क्या मालूम यह प्रश्न आप अपने गुरु जी से पूछिये। राजा ने अगले दिन बड़े ही धीमी स्वर मे गुरु से कहा गुरुवर आप यदि बुरा न मानो तो आपसे कुछ कहना चाहते हैं गुरु ने कहा, हाँ राजन बोलो क्या कहना चाहते हो।

राजा ने कहा, हमे विद्या ग्रहण करते हुये काफी समय हो गया लेकिन आपके द्वारा दी हुई विद्या हमारे समझ मे नहीं आ रही गुरु जी ने राजा से कहा, महाराज बहुत छोटी सी बात है लेकिन आप अपने बड़े होने के अहंकार में समझ नही पा रहे हैं।

इसी वजह से आप दुखी और परेशान हैं, राजा ने कहा गुरुवर मैं कुछ समझा नहीं अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहे। गुरु ने फिर से कहा माना की आप बहुत बड़े राजा है आप हर प्रकार से मुझसे पद में और प्रतिष्ठा में बड़े हैं। फिर भी यहां पर हमारा और तुम्हारा रिश्ता गुरु और शिष्य का है।

आप खुद बड़े सिंहासन पर और गुरु को छोटे आसन पर बैठाते हो और तुम ही बताओ राजन तुम्हें विद्या कैसे समझ में आयेगी। राजा गुरु की बात को पूरी तरह समझ गया। राजा ने फिर गुरु को ऊंचे सिंहासन पर बैठाया और खुद छोटे से आसन पर बैठ गया।

अब गुरु ने जो भी विद्या राजा को बताइए या सिखाई वह पूरी तरह समझ में आ गई क्योंकि राजा को स्वयं के राजा होने का अभिमान था। वही अभियान उसे ज्ञान ग्रहण करने में बाधक था। क्योंकि गुरु को हमेशा ऊंचा आसान देकर ज्ञान ग्रहण करने वाले को नीचे आसन पर बैठकर ज्ञान ग्रहण करना चाहिए।

इस कहानी से सीख:-

इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमे अपने गुरु का हमेशा अपने से ऊंचा दर्जा देना चाहिए। तभी गुरु द्वारा दी हुई विद्या हमे समझ में आती है।

दोस्तो हमे उम्मीद है कि small motivational stories in hindi का आप पर Positive असर पड़ा होगा। ऐसी ही और भी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें। इस कहानी को अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें।

यह भी पढ़े:-

small motivational stories in hindi FAQ

Q. सबसे शक्तिशाली प्रेरक क्या है?

A. बहुत सारी चीजे हैं जो हमे प्रेरित कर सकती है लेकिन सभी में से सबसे शक्तिशाली है डर। डर एक ऐसी प्रवृत्ति है जो हमे जीवित रखता है क्योंकि अगर हम किसी बुरे अनुभव से बच जाते हैं, तो हम यह कभी नहीं भूलते कि भविष्य में इससे कैसे बचा जाए।

Q. डर सबसे मजबूत प्रेरक क्यों है?

A. डर हमारी सबसे असुविधाजनक भावनाओ मे से एक है। यही कारण है कि, बेहतर या बदतर के लिए, यह हमारे सबसे शक्तिशाली प्रेरकों में से एक है।

Q. ज्ञान ग्रहण करते वक्त एक शिष्य को कैसे बैठना चाहिए?

A. ज्ञान ग्रहण करते वक्त शिष्य को अपने गुरु को अपने से ऊंचा दर्जा देना चहिए भले ही वह गुरु अपने से छोटा क्यों ना हो। क्योंकि ज्ञान एक ऐसी चीज है, जो अपने से छोटा बड़ा नहीं देखती है।

2 thoughts on “small motivational stories in hindi मोटिवेशनल कहानी छोटी सी”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top