Short Story in hindi
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Short Story in hindi सफलता की प्रेरक कहानियां जिसने पूरा विश्व बदल दिया

Short Story in hindi:- हर Successful आदमी के पीछे एक कहानी होती है जो उसके नाकामयाबी को किनारे करते हुए जीवन के कठिन रास्तों में चलने का साहस देती है। आज की यह “Short Story in hindi” ब्लॉग में ऐसी ही कहानियों का संग्रह है।

यह प्रेरक कहानियां न केवल हमें प्रेरित करती हैं बल्कि यह भी सिखाती हैं की असफलताओं के बावजूद कैसे निरंतर प्रयास से सफलता प्राप्त की जा सकती है।

तो चलिए आपको इन Short Story in hindi से रूबरू कराते हैं। जो न केवल आपकी सोच को सकारात्मक बनाएंगी बल्कि आपको अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित भी करेंगी।

ऐसा व्यक्ति कभी हार नही सकता (Short Motivational Story in Hindi for Success)

Short Story in hindi

बहुत पुराने समय की बात है एक जंगल में एक गुरुकुल था जिसमें बहुत सारे बच्चे आते थे। एक बार गुरु जी सभी विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे लेकिन एक विद्यार्थी ऐसा था जिसे बार पढ़ाने के बाद भी समझ नही आ रहा था।

गुरुजी को बहुत तेज गुस्सा आया और उन्होंने उस विद्यार्थी से कहा जरा अपनी हथेली दिखाओ बेटा। विद्यार्थी ने अपनी हथेली गुरु जी के सामने कर दी गुरुजी हथेली देखकर बोले बेटा तुम घर चले जाओ।

आश्रम में रहकर अपना समय व्यर्थ मत करो तुम्हारे भाग्य विद्या नहीं लिखी है। शिष्य ने पूछा क्यों गुरुजी? गुरु जी ने कहा तुम्हारे हाथों में विद्या की रेखा नही है।

गुरुजी ने एक दूसरे विद्यार्थी की हथेली उसे दिखाते हुए कहा यह देखो यह है, विद्या की रेखा यह तुम्हारे हाथ में नहीं है। इसलिए तुम समय बर्बाद ना करो घर चले जाओ वहां जाकर अपना कुछ काम करो।

यह सुनने के बाद विद्यार्थी ने अपने जेब से चाकू निकला जिसका प्रयोग वह सुबह दातुन काटने के लिए करता था। उस चाकू की पैनी नोक से अपने हाथ में एक गहरी लकीर बना लिया। उसका हाथ लहूलुहान हो गया।

तब वह गुरु जी से बोला मैंने अपने हाथ में विद्या की रेखा बना ली है गुरुजी। यह देख गुरु जी अचंभित हुए और उन्होंने उस विद्यार्थी को अपने गले से लगा लिया। गुरुजी बोले तुम्हें विद्या सीखने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती बेटा।

दृढ़ निश्चय और परिश्रम हाथ की रेखाओं को ही बदल देते हैं।

दोस्तों क्या आपको पता है वह विद्यार्थी कौन था?

वह विद्यार्थी आगे चलकर महर्षि पाणिनि के नाम से प्रसिद्ध हुआ। जिसने विश्व प्रसिद्ध। व्याकरण अष्टाध्यायी की रचना की है। इतनी सदियां बीत जाने के बाद भी आज 2700 वर्षों बाद भी विश्व की किसी भी भाषा में ऐसा उत्कृष्ट और पूर्ण व्याकरण का ग्रन्थ अब तक नहीं बना।

इस कहानी से सीख

दोस्तों हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि लोग चाहे जो भी बोले हम हर एक को गलत साबित करते हुए अपनी मेहनत और लगन के दम पर जो चाहे वो कर सकते हैं।


थॉमस अल्वा एडिसन रियल लाइफ स्टोरी इन हिंदी (Real-life Inspirational Stories in Hindi)

Short Story in hindi

मैं असफल नहीं हुआ हूं मैं 1,000 ऐसे तरीके निकाले है जो काम नहीं करते हैं। थॉमस अल्वा एडिसन

इलेक्ट्रॉनिक बल्बों की खोज थामस अल्वा एडिसन ने किया था जिससे सारा जगत रात के अंधेरे में भी प्रकाशमान रहता है। ऐसा कहा जाता है की बचपन में थामस अल्वा एडिसन को मंदबुद्धि कहा जाता था।

लेकिन बाद में उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ऐसा काम और मुकाम हासिल किया जिसकी चाह हर परिश्रमी व्यक्ति को है।

ऐसा बताया जाता है कि थामस अल्वा एडिशन को अपने काम से इतना प्यार था कि वो अधिकांश समय प्रयोगशाला में ही बिताते थे और उसका परिणाम यह निकला कि बल्ब के साथ-साथ उन्होंने सैकड़ों अविष्कार इस दुनिया को गिफ्ट दिया है।

आज की इस स्टोरी में हम इस महान वैज्ञानिक की सफलता का राज (Secret of Success) बताएंगे।

यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि हर कामयाब इंसान के पीछे एक औरत का हाथ होता है। यह बात एडिसन के ऊपर भी लागू होती है वह औरत कोई और नहीं बल्कि एडिसन की मां थी।

तो चलिए दोस्तो, मैं आपको बताता हूं थॉमस अल्वा एडिसन की सफलता का राज (secret of success)

थामस अल्वा एडिसन जब एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे थे तो एक दिन घर आए मां को एक कागज देकर कहा Teacher ने दिया है। कागज पढ़कर मां की आंखों में आंसू आ गए। एडिसन ने अपनी मां से पूछा इसमें क्या लिखा है मां?

आंसू पोंछ कर मां ने कहा इसमें लिखा है कि आपका बेटा बहुत जीनियस है। हमारा स्कूल Low Level का है और teacher भी इतने प्रशिक्षित नहीं है इसलिए हम इसे नहीं पढ़ा सकते। इसे आप घर पर स्वयं ही शिक्षा दें।

कई वर्षों के बाद जब मां गुजर गई तब तक एडिसन Famous Scientist बन चुके थे। और उन्होंने फोनोग्राफ (Phonograph), मोशन पिक्चर कैमरा (Motion Picture Camera) इलेक्ट्रॉनिक बल्ब (Electronic Bulb) जैसे कई महान आविष्कार कर लिए थे।

एक दिन फुर्सत में वह अपनी पुरानी यादगार वस्तु को देख रहे थे। तभी उन्हें अलमारी के कोने में एक खत मिला जिसे वो एक्साइटेड होकर पढ़ने लगे।

यह वही खत था जिसे बचपन में एडिसन के Teacher ने एडिसन को दिया था उसकी मां को बताने के लिए। उसमें लिखा था कि आपका बेटा Mentally Weak (मानसिक रूप से कमजोर) है। उसे अब स्कूल ना भेजें। आपका बेटा थामस अल्वा एडिसन हमारे स्कूल में पढ़ने के लायक नही है।

एडिसन एक किनारे में बैठकर कई घंटो तक रोते रहे और फिर अपनी डायरी में लिख दिया एक महान मां ने Mentally Weak (मानसिक रूप से कमजोर) बच्चे को ग्रेट Scientist महान वैज्ञानिक बना दिया। यही Possitive Parents की Real Power है।

दोस्तों अगर उसकी मां जो उस खत में लिखा था वही एडिसन को बता देती तो शायद आज थॉमस अल्वा एडिसन इतने महान Scientist नहीं बन पाते। लेकिन उनकी मां ने उनके अंदर एक आत्मविश्वास भर दिया।

उनको बताया कि आप इतने जीनियस हैं कि यह स्कूल आपके लायक नहीं है। जबकि उस खत में लिखा था कि आप इस स्कूल के लायक नहीं हो।

इस कहानी से सीख

दोस्तों अपने आप को कभी कमजोर मत समझिए थामस अल्वा एडिसन जो मंद बुद्धि कहे जाते थे। उन्होंने आत्मविश्वास के दम पर इतने बड़े Scientist बन गए। तो आप अपने लाइफ में कुछ भी कर सकते हैं या जो आप करना चाहते हैं।


दोस्तो हमे उम्मीद है कि Short Story in hindi का आप पर Positive असर पड़ा होगा। ऐसी ही और भी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें। इस कहानी को अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें।

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Short Story in hindi FAQ

Q. थॉमस अल्वा एडिसन की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई थी?

A. एडिसन की प्रारंभिक शिक्षा उनके घर पर ही उनकी मां ने दी थी, क्योंकि उनके शिक्षक ने उन्हें कम बुद्धिमान कहकर स्कूल से निकाल दिया था।

Q. बिजली के बल्ब का अविष्कार कब हुआ था?

A. थॉमस अल्वा एडिसन ने 1879 में बिजली के बल्ब का अविष्कार किया था।

Q. थॉमस एडिसन की जीवन कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

A. थॉमस एडिसन की जीवन कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों और असफलताओं से हार मानने की बजाय, निरंतर प्रयास से हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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