एक भिखारी की कहानी Inspiration Story in Hindi

Inspiration Story in Hindi

Ek bhikhari ki kahani: किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है (Inspiration Story in Hindi) कि अगर आप ढूंढना चाहते हैं तो खुद को ढूढिये, क्योंकि बाकी सब तो Google पर मिल ही जाता है।

नमस्कार दोस्तों मैं हूं प्रशांत एक बड़ी छोटी सी कहानी मुझे याद आ रही है जो एक भिखारी की है वह भिखारी एक छोटे से कस्बे के रेलवे स्टेशन के बाहर फुटपाथ में बैठकर के भीख मांगा करता था।

उसके पास में एक पुराना सा कटोरा था उसे कटोरे में वह चार-पांच सिक्के रख लेता था और खनक आता था आवाज करता था।

लोग आकर्षित होते थे और वह गाना गाता था कि तुम गरीबों की सुनो वह तुम्हारी सुनेगा तुम ₹10 दोगे तो वह 1 लाख देगा।

और एक दो लोगों को जिसको दया आ जाती थी उस भिकारी पर तो वो सिक्के डालकर निकल जाते थे, ये उसका रोज का रूटीन था।

उस कस्बे के लोग कहते थे कि इस भिखारी के पुरखे थे वो बहुत अमीर हुआ करते थे यह पता नहीं इसकी हालत आज कैसी हो गई इसे किसी से भी भीख मांगने की नौबत आ पड़ी

उस भिखारी की पूरी कहानी कोई नहीं जानता था वह रोज की तरह यही काम कर रहा था उसका मन हुआ कि अब चलना चाहिए लेकिन फिर उसने सोचा 5 10 मिनट और बैठ लेता हूं।

तभी एक आदमी वहां से निकाला और वह बड़ी तेजी में था लेकिन वह भिखारी के पास आ करके रुक गया, और वह उस भिखारी के कटोरे को देखा।

उस आदमी ने अपने जेब में से सौ सौ के नोट निकाला और गिनने लगा भिखारी उसे देखकर बहुत खुश हुआ और मन ही मन सोचने लगा कि एक नोट मिल जाए तो काम हो जाए।

उस आदमी ने 10 नोट भिखारी की तरफ बढ़ा करके बोला कटोरा दोगे, तो तुम्हें मैं ये सब पैसे दे दूंगा भिखारी सोच में पड़ गया की एक कटोरा हजार रुपए।

उसने 10 नोट और निकाला और बोला अगर तुम कटोरा दोगे तो मैं यह सब तुम्हें दे दूंगा।

भिखारी ने बिना सोचे समझे कटोरा आगे बढ़ा दिया और बोल लो भाई साहब ले जाओ। उसे आदमी ने उसे भिखारी से उसका तोरे को लिया और अपने बैग में डाला और चल दिया।

भिखारी भी अपना सब सामान समेटकर दूसरी दिशा में भागा, की कही उस आदमी का मन बदल ना जाए।

वह आदमी सोच रहा था कि कहीं इस भिखारी का मन बदल न जाए कहीं कटोरा वापस न मांग ले।

वह आदमी दौड़ की स्टेशन पहुंचा और ट्रेन का इंतजार करने लगा जैसे ही ट्रेन आई वह ट्रेन के अंदर चला गया और पीछे मुड़कर यह देख रहा था कि कहीं वह भिखारी तो नहीं आ रहा है।

ट्रेन निहाल बजाय और स्टेशन से चल पड़ी तब उस आदमी ने चैन की सांसें ली और वह मन ही मन सोचने लगा कि चलो वह भिखारी नहीं आया उसने अपने बैग से कटोरा निकलना और उसका वजन का अंदाजा लगाने लगा कि यह कितना भारी है।

उस कटोरे का वजन लगभग आधा किलो था। वह आदमी धातुओं का जानकार था वह एक ही नजर में उस गंदे कटोरे को पहचान लिया जो धूल से सना हुआ था की यह सोने का कटोरा है।

वह बड़ा खुश हो रहा था कि लाखों का कटोरा दो हजार में ले कर आ गया और उसे तरफ हुआ भिखारी बहुत खुश हो रहा था कि एक कटोरे के ₹2000 देकर कोई मूर्ख चला गया।

यह छोटी सी कहानी उस भिखारी की नहीं उस कटोरे कि नहीं उस व्यापारी की नहीं यह हमारी और आपकी है।

हमे जो जिंदगी मिली है इसकी हमें कोई कदर ही नहीं है। हमको लगता है कि मैं तो इस लायक ही नहीं हूं। मुझसे तो कुछ होगा ही नहीं मैं तो इन सब के लिए पैदा ही नहीं हुआ हूं मैं बस इतना ही कर लूं जितना मुझे जिंदगी में करना चाहिए और मुझे कुछ भी अजीव करने की जरूरत नहीं है।

हमारे अंदर इतनी ताकत ही नहीं है कि हम अपने इस दुर्लभ मनुष्य तन को पहचान सके। हम वही गंदा कटोरा लेकर के भीख मांग रहे हैं।

हम भूल चुके हैं कि सोने का कटोरा बहुत ही कीमती होता है। जिसकी वैल्यू अगर आपने समझ ली तो जिंदगी में बदलाव आना शुरू हो जाएंगे।

इस कहानी से सीख

इस छोटी सी कहानी का सार यही समझता है कि एक बार फिर से वही बात जो अक्सर आपसे कहता हूं। ऊपर वाले का आशीर्वाद अपनी मेहनत और अपनों का प्यार से कुछ ऐसा कर दिखाओ जिसे देखकर दुनिया भी करना चाहे।

अंदाजा न लगाए

Inspiration Story in Hindi

एक छोटे से गांव में एक राजू नाम का लड़का रहता था वह बहुत ही बुद्धिमान और मेहनती था, राजू बहुत ही शर्मीला था वह किसी से भी बात नहीं करता था।

एक दिन था जो अपने गांव के एक मंदिर में पूजा करने के लिए गया हुआ था। मंदिर में बहुत ही ज्यादा भीड़ थी राजू भीड़ में खड़ा होकर पूजा कर रहा था तभी इसकी नजर एक साथ ऊपर पड़ी।

साधु बहुत ही शांत और गंभीर स्थिति में था राजू ने साधु के चेहरे को देखा और उसे लगा की साधु बहुत ही ज्ञानी है। राजू साधु के पास गया और उससे बोला,”साधु जी, मैं आपके लिए एक प्रश्न लेकर आया हूं।”

साधु ने राजू की तरफ देखते हुए बोला,”पूछो बेटा, मैं आपका प्रश्न सुनने के लिए तैयार हूं।” राजू ने साधु से कहा, मुझे यह समझ में नहीं आता कि लोग अक्सर बिना कुछ जाने ही लोग किसी पर भी अपनी राय क्यों देने लगते हैं? क्या यह सही है?

साधु ने थोड़ी देर सोचा और बोला,”बेटा यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है बिना कुछ जाने ही किसी भी बात पर राय देना सही नहीं है। ऐसा करने से हम अक्सर गलत हो जाते हैं। ऐसा करना हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है।

राजू ने साधु से कहा,”लोग हमेशा ऐसा करते हैं बिना किसी की बात को जाने ही अपनी राय देने लगते हैं।”

साधु ने कहा,”ऐसे लोगो से हमेशा से ही दूर रहना चाहिए ये लोग हमेशा से ही अज्ञानी रहे हैं ये जीवन के अनुभव से गए गुजरे नहीं होते हैं इसलिए ही ये कुछ कहे बिना ही अपनी राय देने लगते हैं।”

राजू ने कहा,”साधु जी, ऐसे लोगों को कैसे समझाएं।”

साधु ने कहा,”इस तरह के लोगों को समझाना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन हम एक बार कोशिश तो कर सकते हैं। हम उन्हें यह समझ सकते हैं कि बिना कुछ जाने किसी भी बात पर राय देना सही नहीं है।

राजू ने साधु को धन्यवाद करते हुए वहां से चला गया राजू ने साधु के बातों को ध्यान पूर्वक सुना और वह समझ गया कि बिना कुछ जाने किसी भी बात पर राय देना सही नहीं है।

उस दिन से राजू ने यह निर्णय लिया कि वह बिना कुछ जाने किसी भी बात पर अपनी राय नहीं देगा।

इस कहानी से सीख

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें बिना कुछ जाने किसी बात पर अपनी राय नहीं देना चाहिए। ऐसा करने में हम ऐसा गलत हो जाते हैं यह हमारे लिए हानिकारक हो सकता है।

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Inspiration Story in Hindi FAQ

Q. Motivational Story क्या है?

A. एक ऐसी कहानी जिसे पढ़कर हम जागरूक होते हैं हमारा मन प्रफुल्लित होता है और हमारे अंदर हर मुस्किलो के सामने लड़ने की ताकत आ जाती है।

Q. पढ़ाई क्यों बनाई?

A. पढ़ाई से हमें अलग अलग भाषाओ के बारे में जानने को मिलता है, जैसे विज्ञान, गणित, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू आदि। यह ज्ञान हमें जिंदगी में निर्णय लेने, समस्यों को हल करने और अपने आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में जानने में मदद करता है।

Q. मन को Motivate कैसे करें?

A. अपने मन को बढ़ावा देने के लिए आपको एक गोल सेट करना होगा। आपको जो हासिल करना है उसे कैलेंडर पर मार्क कर लें। ऐसा करने से आपको अपना गोल याद आता रहेगा।

Q. आपका सबसे प्रेरणादायक व्यक्ति कौन है और क्यों?

A. हमारे सबसे व्यक्ति हमारे माता पिता और गुरु हैं। जो हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

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