जीवन में सफल प्रत्येक व्यक्ति होना चाहता है। कई बार ऐसा होता है कि आप सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी आपको सफलता नहीं मिल पाती है।
बहुत बार प्रयास करने के बाद आप आखिरकार हार मान ही लेते हैं।
अगर आप भी सफलता के लिए प्रयास करते हुए हार मान लिए हैं तो आपको इस Blog में कुछ सफल व्यक्तियों की प्रेरणादाई सफलता गाथाओं के बारे में बताया जा रहा है।
उम्मीद है इन सफल व्यक्तियों के जीवनकाल से आपको कुछ सीखने को मिलेगा और आपको इस Blog में motivational story in hindi for success के बारे में जानते हैं pkhindistory के साथ Success story in Hindi आपको जीवन के अंदर जीने का रास्ता और कामयाब होने का तरीका दिखाती है।
Success story in Hindi of Ashok Ramachandran अशोक रामचंद्रन के सफलता की कहानी
अशोक रामचंद्रन भारतीय मूल के एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं, जो 2006 में शिंडलर में शामिल हुए थे और लगभग एक दशक से ज्यादा समय तक कंपनी में विभिन्न भूमिकाओं पदनाम में संगठन में रहे हैं, जिसकी चर्चा आज हम इस Blog Post में करेंगे।
उनका जन्म 1980 के दशक में तिरुवंतपुरम में एक तमिल परिवार में हुआ था, उन्होंने एक क्विंटेसिव तमिल लड़के के रूप में इंजीनियरिंग करने का फैसला किया।
अशोक रामचंद्रन की शिक्षा योग्यता पर आते हुए, उन्होंने पद्म शेषाद्री बाला भवन स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जो कि तमिलनाडु में स्थित है। ये सन 1998 में वहा से पास आउट हुए।
अशोक रामचंद्रन के जीवन सबसे ज्यादा समय सफलता को असफल करने के लिए मोड़!
चालीस के उम्र के तहत इकोनॉमिक टाइम्स चालीस में, शिंडलर (भारत / दक्षिण एशिया) के अध्यक्ष अशोक रामचंद्रन को चालीस वर्ष से कम आयु के भारत के सबसे प्रतिभाशाली व्यावसायिक नेताओं में से एक नामित किया गया था।
श्री रामचंद्रन खुद को भाग्यशाली पिता और भाग्यशाली पति मानते हैं और उन्होंने अपने जीवन के कुछ ही पल साझा किए है।
उनके आसान जीवन के tips and tricks जो पाठकों के जनसमूह द्वारा देखे और महसूस किए जा सकते हैं और सभी छात्रों के लिए उपयोगी होंगे जो खुद को अयोग्य और सामान्य रूप से असफल मानते हैं।
उनके जीवन के सबक जिनसे सभी उम्र और लिंग के लोग प्रेरित हो सकते हैं, नीचे सूचीबद्ध हैं:
- अकेले रहते हैं
- बाहर खड़े होने के लिए ‘वाह’कारक लाओ
- किसी भी क्षेत्र में कोई भी एक अनुभव एक अच्छा अनुभव होता है
- अपने खुद के मार्केटिंग मैनेजर बनें
- कौशल औपचारिक शिक्षा
अशोक रामचंद्रन की असफलता पर धारणा
आइए एक नजर डालते हैं अशोक रामचंद्रन की शिंडलर जैसे बड़े संगठन के C.E.O के रूप में विफलता पर उनका मानना है कि असफलता और छोड़ना दोनो के बीच के अंतर को समझना सफलता की कुंजी है।
विफलताएं हमेशा उनके जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा रही हैं, और उन्होंने उन उपलब्धियों से बहुत कुछ सीखा है। रामचंद्रन ने हमेशा माना और स्वीकार किया कि हम सभी दैनिक आधार पर संघर्ष करते हैं।
यह सिर्फ इतना है कि कुछ लोग नहीं सोचते हैं कि हमें करना चाहिए। सवाल यह है कि क्या आपको असफल होने के बाद हार मान लेनी चाहिए या फिर से उठकर पुनः प्रयास करना चाहिए।
एक सच्चा नेता वह है जो हर समय ईमानदार और विनम्र रहते हुए अपनी टीम के साथ गलतियों को खुलकर संबोधित करने की ताकत और क्षमता रखता है। इस तरह की विफलता, उनके राय में, एक जीत मानी जाती है।
शिंडलर ग्रुप (BONUS) के बारे में
1874 में स्विट्जरलैंड में स्थापित शिंडलर Group (समूह), लिफ्ट, एस्केलेटर और संबंधित सेवाओं का एक प्रमुख वैश्विक प्रदाता है।
कंपनी की अत्याधुनिक, पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी पहुंच और पारगमन-प्रबंधन योजनाओ का शहरी गतिशीलता में महत्वपूर्ण योगदान होता हैं।
100 से अधिक देश में लगभग 60000 से ज्यादा कर्मचारी इस कंपनी के वृद्धि में योगदान करते हैं। शिंडलर इंडिया पूर्ण स्वामित्व वाली शिंडलर समूह की सहायक कंपनी है।
शिंडलर इंडिया की विकास की रणनीति का आधार ग्राहक सेवा नेतृत्व द्वारा है। जैसा कि देश की 13 शाखाओ कार्यालय और मुंबई में हमारे मुख्यालय सहित 50 प्रमुख शहरों में उनकी सेवा की उपस्थित से स्पष्ट है।
पुराने नहीं बल्कि अब आज के युवा के दर्शकों के लिए अशोक रामचंद्रन के कुछ प्रेरणादायक शब्द हैं
“हमेशा से जो आप करते आ रहे हैं उस काम को पूरा समय देने का प्रयास करें। लगभग अपने काम के उपभोक्ता को वाह (कारक) करने की चाहत का कुछ समय के अंतराल पर यह वृद्धिशील प्रयास और अश्लील सफलता प्रदान करते हैं।
पागल, उन्मत्त सफलता के लिए मेरा आत्म-गढ़ा हुआ शब्द जो आपको शुभचिंतकों को अजीब बनाता है और आपकी प्रतिस्पर्धा को स्पष्ट करता है। ”
लोग क्या कहेंगे – Best Motivational Short Story In Hindi
“लोग क्या कहेंगे” यह तीन शब्द पढ़ने में तो बहुत आसान है मगर यह सब हमारे मन और हमारी जिंदगी में बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। इन तीन शब्दों का असर हमारी जिंदगी में Positive और Negative दोनों तरह से पड़ता है।
जैसा कि यदि आप कुछ ऐसा करने की सोच है जो सामाजिक तौर पर गलत हो और उसे करने से पहले आपके मन में यह सवाल आ जाए की “मेरे ऐसे करने से लोग क्या कहेंगे”तो उसे समाज की डर से आप उस गलत कार्य को नहीं करेंगे जो कि आपके लिए Positive हो।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ काम गलत नहीं होते मगर समाज की दर की वजह से और “लोग क्या कहेंगे” इस वजह से हम उन कामों को नहीं करते, जो कि हमारे लिए Positive होते हैं।
वैसे तो सभी को पता है कि हम कुछ अच्छा करें या कुछ गलत, या फिर कुछ भी न करें तब भी लोग कुछ ना कुछ जरूर कहेंगे।
लोगों को कहने से डर से कई बार हम सही फैसला नहीं ले पाते कुछ करने से पीछे हट जाते हैं अपनी इच्छाओं के अनुसार जिंदगी नहीं जी पाते हैं।
आज जो short hindi motivational story हम लेकर आए हैं। उससे सीखेंगे कि हमें खुद अपने बारे में क्या सोचना चाहिए। अपने बारे में क्या राय रखनी चाहिए साथ ही लोग क्या कहेंगे इस डर से खुद को कैसे बचना चाहिए।
अगर आप ‘लोग क्या कहेंगे’ इस डर से अपनी जिंदगी में उदास है या टेंशन में है। तो आपको यह पूरी कहानी एक बार जरूर पढ़नी चाहिए। इस motivational hindi story को शेयर जरूर करें।
लोग क्या कहेंगे – Best Motivational Short Story in Hindi
एक बार एक बच्चा समुद्र के किनारे टहल रहा था। टहलते टहलते वह समुद्र के पास पहुंच गया तभी एक तेज लहर आई और उस बच्चे से टकरा गई।
लहर से टकराकर बच्चा जमीन पर गिर गया समुंद्र की इस हरकत से बच्चे को गुस्सा आ गया और गुस्से में उसने रेत में लिखा… ‘समुद्र तुम बहुत निर्दयी हो।’
इस समुद्र के दूसरी ओर एक मछुआरा था जिसने समुद्र से बहुत सारी मछलियां पकड़ी जिससे खुश होकर उसने समुद्र के रेत में लिखा.. ‘समुद्र मेरा पालनहार है जो मुझे भूखा नही रहने देता।’
दूर एक युवक समुंद्र की लहरों के संग खेलते हुवे डूब जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। जिसकी वजह से उसकी दुखी मां रेत पर लिखती है…‘समुद्र मेरे बेटे का हत्यारा है।’
एक किनारे में एक लड़का दिन भर मेहनत करके शिप ढूंढ रहा था। जब दिन ढलने को आया तो उसे एक बड़ा सा शिप मिला…जिसके अंदर उसे एक बड़ा सा कीमती मोती मिल गया। वह लड़का रेत पर लिखता है… ‘समुद्र बहुत उदार व दानी है।’
अचानक एक बहुत बड़ी लहर आती है और सारे लिखे हुए को एक बार में मिटा कर चली जाती है। वो लहर लोगों की अच्छी बुरी बातों को अपने साथ लेकर वापस समुंद्र से मिल जाती है।
सीख जो हमें इस Motivational Kahani से मिलती है –
लोगों द्वारा कही गई बातों का समुंद्र को कहीं कोई फर्क नहीं पड़ता। समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोगो की उसके प्रति क्या राय है। उसके प्रति लोग क्या सोचते हैं, वो हमेशा अपनी लहरों के साथ मस्त रहता है।
इस जीवन में हमें भी समुंद्र की तरह विशाल बनना चाहिए। कभी भी फिजूल की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
हमें अपने फैंसले, अपने हिसाब से ही तय करना चाहिए। लोगों की बातें उनकी परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं। आप भले ही जिंदगी में कुछ करें या न करे, लेकिन ये दुनिया आपके बारे में बातें बनाना नही छोड़ेगी। आपको अपनी जिंदगी के फैंसले अपनी समझदारी से लेने चाहिए।
ऐसा काम ना करें, जिससे आपकी आपके परिवार की बदनामी हो और लोगों को आपकी बुराई करने का मौका मिले। अच्छे बनें और अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जिएं।
लोग आपके बारे में गलत बाते बनाएं या कुछ भी कहें उनसे ज्यादा मतलब ना रखें। हर गली में ऐसे कुत्ते होते ही हैं जो अक्सर भौंकते ही रहते हैं।
मगर उनके भौंकने का असर किसी पर भी नही पड़ता। इसी तरह के कुछ लोग आपके आस पास भी होंगे। ऐसे लोगों को हमेशा Ignore करें और हाथी की तरह आगे बढ़ते रहें। वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी हाथी चला जाता है और कुत्ते भौंकते रहते हैं।
दोस्तो उम्मीद है कि आपको इस कहानी से कुछ अच्छा सीखने को मिला होगा। ऐसी ही और भी जीवन बदलने वाली प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए हमारे इस Blog Post से जुड़े रहें।
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motivational story in hindi for success FAQ
Q. Motivational story हमे क्यों पढ़ना चाहिए?
A. Motivational Story पढ़ने से हम अपने सफलता के प्रति और तेजी से मेहनत करते है।
Q. सफलता पाने का सबसे पहला कदम कौन सा है?
A. सफलता पाने का सबसे पहला कदम यह है कि “अपने आप पर भरोसा होना चाहिए” आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे है ये यकीन रखे की एक न एक दिन आप उस काम में सफल जरूर होंगे।
Q. सफलता की यात्रा क्या है?
A. सफलता ही एक ऐसी यात्रा है, जिसमे कड़ी मेहनत धैर्य और समर्पण की आवश्यकता होती है। रास्ते में बढ़ाए और चुनौतिया आएंगी जो आपके दृढ़ संकल्प और लचीलेपन की परीक्षा लेंगी।
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